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खेती में मुनाफे की नई पहल (जनसत्ता:- अखिलेश आर्येन्दु द्वारा प्रकाशित लेख)

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प्रिय विद्यार्थियों यह लेख UPSC Csat, UPPSC Csat गद्यांश के लिए उपयोगी साबित होगा। खेती में मुनाफे की नई पहल दुनिया में वैज्ञानिक तथा तकनीक पद्धति से खेती करना समझदारी और लाभ कर समझा जाता है इसी के जरिए केंद्र सरकार की नई पहल होगी, जिसमें किसानों को कृषि तकनीकों और वैज्ञानिक विधियों से परिचित कराना और उन्हें अधिक मुनाफा दिलाना है । जनसत्ता:- अखिलेश आर्येन्दु द्वारा प्रकाशित लेख  एक बार फिर केंद्र सरकार किसने की माली हालत सुधारने की पहल करती दिख रही है सरकारी तौर पर कहा जा सकता है कि किसानों को किसी के जरिए ही अब उद्यमी बनाया जाएगा, इससे किसानों की माली हालत में सुधार होगा । आम तौर पर भारतीय खेती को परंपरा से की जाने वाली देसी खेती माना जाता है । मगर यह महाज्य मानता है, क्योंकि देसी खेती में रसायन, रासायनिक उर्वरकों और विदेशी बीच का इस्तेमाल नहीं होता है । नई तकनीक तथा वैज्ञानिक ढंग से की जाने वाली खेती में रसायनों और महंगे उर्वरकों का इस्तेमाल उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है । केंद्र सरकार की नई पहल आधुनिक खेती के जरिए किसानों को उद्यमी बनने की है । दुनिया में वैज्ञा...

बजट का सार 2024-24 (Budget at a Glance 2024-25)

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बजट का सार 2024-24  (Budget at a Glance 2024-25)   Budget at a Glance presents broad aggregates of the Budget for easy understanding. This document shows receipts and expenditure as well as the Fiscal Deficit (FD), Revenue Deficit (RD), Effective Revenue Deficit (ERD) and the Primary Deficit (PD) of the Government of India. It gives an illustrative account of sources of receipts and expenditure through graphs and info-graphics. In addition, the document contains details of resources transferred to the States and UTs with legislature, extracts of allocations for programme and schemes, sources of deficit financing, etc. बजट का सार 2024-24  PDf Download करें सबसे पहले अपडेट पाने के लिए telegram channel Join करें Pdf पाने के लिए telegram join करें : Click here

रक्षा बज़ट 2022 : रक्षा में आत्मनिर्भर भारत

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इस बज़ट का हमारे रक्षा मामलों पर क्या असर पड़ने जा रहा है. इस बार रक्षा बज़ट में पिछली बार से 1.35 लाख करोड़ रुपये अधिक का प्रावधान है यानी पिछले रक्षा बज़ट से 19 फ़ीसदी ज़्यादा. पिछली बार रक्षा बज़ट के लिए 4.78 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान था. इस बज़ट का हमारे रक्षा मामलों पर क्या असर पड़ने जा रहा है. आइए जानते हैं कि इस पर एक्‍सपर्ट की क्‍या राय है। रक्षा पर सरकार कितना भी ख़र्च करे, कभी यह नहीं कहा जा सकता कि पर्याप्त है. ख़ासकर इस वक़्त जब चीन के साथ तनाव चल रहा है, तब इस तरह की बढ़ोतरी की ज़रूरत थी. आंकड़ों के हिसाब से बज़ट ठीक लगता है. अब यह तीनों सेनाओं और सिक्योरिटी प्लानर्स पर निर्भर करता है कि वे बज़ट का इस्तेमाल कैसे करेंगे. आत्मनिर्भर भारत के तहत 68 फ़ीसदी चीज़ें ऐसी ख़रीदी जाएंगी, जो भारत में बनी हों. पिछले साल यह आंकड़ा 58 था. सरकार को इस दिशा में जो सफलता मिली है, उसी वजह से इस बार 10 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है. यह बहुत अच्छा क़दम है, क्योंकि रक्षा के मोर्चे पर आत्मनिर्भर होने के बाद ही विदेश, कूटनीतिक और रणनीतिक मोर्चे पर बेबाकी से फैसले लिए जा सकेंगे. रक्षा उप...

Mission Samundrayaan

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Dr Jitendra Singh launched India’s First Manned Ocean Mission Samundrayaan at Chennai in October, last year and thus joined the elite club of nations such as USA, Russia, Japan, France and China to have such underwater vehicles for carrying out subsea activities. The Minister informed that this niche technology shall facilitate Ministry of Earth Sciences, MoES in carrying out deep ocean exploration of the non-living resources such as polymetallic manganese nodules, gas hydrates, hydro-thermal sulphides and cobalt crusts, located at a depth between 1000 and 5500 metres.

स्मार्ट सिटी मिशन, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने ‘ओपन डाटा वीक’ का शुभारंभ किया

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स्मार्ट सिटी ओपन डाटा पोर्टल पर उच्च गुणवत्ता वाले आंकड़ों तथा डाटा ब्लॉग का प्रकाशन करने वाले सभी 100 स्मार्ट शहरों की आयोजन में भागीदारी देशभर की शहरी इको-सिस्‍टम में मुक्त आंकड़ों को अपनाने तथा नवोन्मेष को प्रोत्साहन देने के लिये आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने आज  ‘ ओपन डाटा वीक ’  (मुक्त सूचना-सामग्री सप्ताह) को आरंभ करने की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि इसी क्रम में  ‘ आजादी का अमृत महोत्सव – स्मार्ट सिटीज़ः स्मार्ट अर्बनाइजेशन ’  संगोष्ठी का आयोजन सूरत में फरवरी 2022 में होगा।  ‘ ओपन डाटा वीक ’   उन कार्यक्रम-पूर्व गतिविधियों का अंग है, जिन्हें आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने शुरू किया है, ताकि मुक्त आंकड़ों के प्रति जागरूकता तथा उनके इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जा सके। इसका आयोजन जनवरी के तीसरे सप्ताह, यानी 17 जनवरी, 2022 से 21 जनवरी, 2022 तक होगा। स्मार्ट सिटी ओपन डाटा पोर्टल पर उच्च गुणवत्ता वाले आंकड़ों तथा डाटा ब्लॉग का प्रकाशन करने वाले सभी 100 स्मार्ट शहरों की आयोजन में भागीदारी होगी। इस समय विभिन्न हितधारकों के लिये 3,800 से अधिक डाटासेट और 60 स...

बिरजू महाराज का जीवनचरित्त

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 बिरजू महाराज का जीवनचरित बिरजू महाराज कौन थे ? बिरजू महाराज नृत्य परंपरा का सितारा थे।  वे शाष्त्रिये कत्थक नृत्य के लखनऊ कलिका - बिंदादीन घराने के विश्वप्रशिद अग्रणी नर्तक थे जिन्होंने इस गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसारित की।  बिरजू महाराज का जन्म 4 फ़रवरी 1938 को कत्थक नृत्य के लिए प्रसिद्ध जगन्नाथ महाराज के घर में हुआ, जिन्हे लखनऊ घराने के अच्छन महाराज कहा जाता था।  ये राजगढ़ रजवाड़े में दरवारी नर्तक हुआ करते थे बिरजू का नाम पहले दुखहरन रखा गया थे, क्योकि  अस्पताल में पैदा हुए थे।  ये जिस अस्पताल में पैदा हुए थे उस दिन वहां उनके आलावा बाकि सब कन्याओ का ही जन्मा हुआ था यानि गोपियो के बिच श्रीकृष्ण, उसी कारण उनका नाम बृजमोहन रख दिया गया।  यही आगे चल कर बिरजू और बिरजू महाराज हो गए।  वे भारतीय संगीत जगत का एक उज्जवल नक्षत्र थे. पारंपरिक कौशल रचनात्मकता एवं संवेदनशील से मुक्त प्रतिनिधि  गायक एवं नर्तक के कल्पनाशील विस्तार गहन आलौकिकता और अचूक कलात्मक सयम एवं वैभव के लिए विश्व विख्यात थे. उन्होने शास्त्रीय संगीत एवं कला को लोकरंज...

Desh Deshantar: किशोर न्याय संशोधन विधेयक 2021 (Rajya Sabha TV)

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दैनिक समसामयिकी और प्रिलिम्स बूस्टर) यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में समाचार पत्रों का संकलन

गरीब कल्याण रोजगार अभियान चर्चा में क्यों? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़े पैमाने पर रोजगार और ग्रामीण सार्वजनिक कार्यों से संबंधित ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारम्भ किया। इसका उद्देश्य कोविड- 19 महामारी से प्रभावित बड़ी संख्या में घर वापस लौटने वाले प्रवासी कामगारों को सशक्त बनाना और अपने क्षेत्रों/गांवों में आजीविका के अवसर मुहैया कराना है। 20 जून (शनिवार) को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ग्राम तेलीहर, विकासखंड बेलदौर, जिला खगड़िया, बिहार से शुरू किए गए इस अभियान में 6 भागीदार राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रतिनिधियों, विभिन्न केन्द्रीय मंत्रियों और अन्य ने भाग लिया। गरीब कल्याण रोजगार अभियान के बारे में 125 दिन का यह अभियान मिशन के रूप में काम करेगा, इसमें 116 जिलों में 25 श्रेणी के कार्यों/ गतिविधियों के कार्यान्वयन पर ध्यान केन्द्रित होगा, इसमें 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में लौटने वाले प्रवासी कामगारों पर ज्यादा जोर होगा। इस अभियान के दौरान कराए गए सार्वजनिक कार्यों के लिए 50,000 करोड़ रुपये के संसाधन निर्धारित होंगे। यह अभियान...

विषय (Topic): उमंग एप्लीकेशन (UMANG App)

चर्चा में क्यों हाल ही में IMD की वेबसाइट पर होस्ट की गई 7 सेवाओं को UMANG एप्लीकेशन में रखने का फैसला लिया गया है। उमगं एप्लीकेशन भारत सरकार का आलॅ-इन-वन, एकीकृत, सुरक्षित, मल्टीचैनल, मल्टीप्लेटफार्म, मल्टी मोबाइल ऐप है, जो कई तरह की सेवाएं प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार ने वेतनभोगी कर्मचारियों को एक निश्चित राशि तक पीएम योगदान वापस लेने की भी अनुमति दी है। इसके लिए उमंग एप की सहायता ले सकते हैं। उमंग ऐप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्त सरकारी सेवाओं को सिंगल मोबाइल ऐप पर लाते हुए 2017 में इसे लॉन्च किया था। इस ऐप में आधार कार्ड, भारत गैस, भारत बिल पे, ईपीएफओ, एम-किसान, सीबीएसई जैसी 127 विभागों और 25 राज्यों की 660 सेवाएं तमाम जरूरी जानकारियां और सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस ऐप को केंद्र और राज्य के विभिन्न संगठनों के लिए बैकएंड के रूप में तैयार किया गया है। वर्तमान में प्डक् की वेबसाइट पर होस्ट की गई 7 सेवाएँ जो उमंग एप पर रखी गयी है निम्नलिखित है- (वर्तमान मौसम की जानकारीः 150 नगरों के लिए वर्तमान तापमान, आर्द्रता, हवा की गति, दिशा को एक दिन में आठ बार अपडेट किया जाता है। सूर...

सर्वोच्च न्यायालय के संवैधानिक कर्त्तव्य पर प्रश्नचिह्न - यूपीएससी, आईएएस, सिविल सेवा और राज्य पीसीएस परीक्षाओं के लिए समसामयिकी

सर्वोच्च न्यायालय के संवैधानिक कर्त्तव्य पर प्रश्नचिह्न - यूपीएससी, आईएएस, सिविल सेवा और राज्य पीसीएस परीक्षाओं के लिए समसामयिकी संदर्भ वर्तमान में बाकी देशों की तरह भारत भी COVID-19 के कारण उत्पन्न हुए स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा है। इसमें प्रवासी मजदूरों को सबसे अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा रहा है क्योंकि उनके पास कोई काम नहीं है, आय का कोई स्रोत नहीं है, बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच नहीं है, कोरोना से सुरक्षा हेतु कोई गुणवत्तायुक्त परीक्षण सुविधाएं नहीं हैं, कोई सुरक्षात्मक उपकरण नहीं है, और घर तक पहुंचने का कोई साधन नहीं है। कोविड-19 के कारण मजदूरों के मूलभूत अधिकार भी संकट में आ गए हैं। प्रशासनिक कार्यवाही भी इस संकट की घड़ी में इनकी मदद करने में नाकाफी रही है। ऐसे विकट समय में न्यायपालिका द्वारा स्थूल रूप धारण कर सब कुछ कार्यपालिका के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। न्यायपालिका द्वारा नियंत्रण एवं संतुलन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। यह न्यायपालिका का उत्तरदायित्व है कि वह नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करे। पृष्ठभूमि सर्वोच्च न्यायालय इस देश के नागरिकों, विशेष रूप से गरीबी रे...

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