दैनिक समसामयिकी और प्रिलिम्स बूस्टर) यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में समाचार पत्रों का संकलन
गरीब कल्याण रोजगार अभियान
चर्चा में क्यों?
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़े पैमाने पर रोजगार और ग्रामीण सार्वजनिक कार्यों से संबंधित ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारम्भ किया। इसका उद्देश्य कोविड- 19 महामारी से प्रभावित बड़ी संख्या में घर वापस लौटने वाले प्रवासी कामगारों को सशक्त बनाना और अपने क्षेत्रों/गांवों में आजीविका के अवसर मुहैया कराना है।
- 20 जून (शनिवार) को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ग्राम तेलीहर, विकासखंड बेलदौर, जिला खगड़िया, बिहार से शुरू किए गए इस अभियान में 6 भागीदार राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रतिनिधियों, विभिन्न केन्द्रीय मंत्रियों और अन्य ने भाग लिया।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के बारे में
- 125 दिन का यह अभियान मिशन के रूप में काम करेगा, इसमें 116 जिलों में 25 श्रेणी के कार्यों/ गतिविधियों के कार्यान्वयन पर ध्यान केन्द्रित होगा, इसमें 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में लौटने वाले प्रवासी कामगारों पर ज्यादा जोर होगा। इस अभियान के दौरान कराए गए सार्वजनिक कार्यों के लिए 50,000 करोड़ रुपये के संसाधन निर्धारित होंगे।
- यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीनीकृत ऊर्जा, सीमावर्ती सड़कें, दूरसंचार और कृषि का मिला-जुला प्रयास है। इसके माध्यम से 25 सार्वजनिक आधारभूत ढांचागत कार्य और आजीविका के अवसर बढ़ाने से संबंधित कार्यों का कार्यान्वयन किया जाएगा।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय इस अभियान के लिए नोडल मंत्रालय है और अभियान को राज्य सरकारों के साथ सामंजस्य में लागू किया जाएगा। संयुक्त सचिव और इससे ऊपर की रैंक के केन्द्रीय नोडल अधिकारियों को चिह्नित जिलों में विभिन्न योजना के प्रभावी और समयबद्ध कार्यान्वयन की नियुक्त किया जाएगा।
इस पहल के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं :
- वापस लौटने वाले कामगारों और प्रभावित ग्रामीण कामगारों को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना।
- गांवों में सार्वजनिक आधारभूत ढांचे का विस्तार और सड़क, आवास, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन, विभिन्न आजीविका संपदाएं और सामुदायिक भवन आदि आजीविका के अवसर तैयार करना।
- विविध प्रकार के कार्यों के समूह से सुनिश्चित होगा कि हर प्रवासी कामगार को आने वाले 125 दिन में उसके कौशल के आधार पर रोजगार के अवसर मिले। यह कार्यक्रम दीर्घावधि में आजीविका के विस्तार और विकास के लिए भी तैयार होगा।
नमस्ते योग अभियान
- केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून 2020) के अवसर पर वे पुराने किले में सूर्य नमस्कार करेंगे। उन्होंने सभी लोगों से अपने घरों में रहते हुए उनके साथ सूर्य नमस्कार करने का भी आग्रह किया।
- संस्कृति मंत्रालय, योग को प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बनाने के लक्ष्य के तहत 19 से 21 जून, 2020 तक “नमस्ते योग” अभियान के आयोजन के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 मना रहा है।
- श्री पटेल ने सभी से आग्रह किया कि वे # 10MillionSuryaNamaskar तथा #NamasteYoga का उपयोग करके अपने सूर्य नमस्कार वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर पोस्ट करें ताकि यह एक जनांदोलन बन सके। इससे नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 के अवसर पर सूर्य नमस्कार करने में लगभग 10 मिलियन लोग उनके साथ शामिल होंगे।
भौगोलिक संकेत (Geographical indication-GI)
- उत्तर प्रदेश के मलिहाबादी दशहरी आम को जीआई (Geographical indication ) टैग दिलवाने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के कुछ और आमों को खास बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत काम करने वाले Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow, ने यूपी मंडी परिषद के सहयोग से प्रदेश की विशेष धरोहर गौरजीत, बनारसी लंगड़ा और चौसा को भी यह मान्यता दिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिया है।
कई भारतीय आमों को मिला जी आई रजिस्ट्रेशन
- इस समय मलिहाबाद, माल एवं काकोरी के दशहरी के अतिरिक्त 9 आम की प्रजातियां को जीआई रजिस्ट्रेशन प्राप्त है| इनमें रत्नागिरी का अल्फांसो, गिर (गुजरात) का केसर, मराठवाड़ा का केसर, आंध्र प्रदेश का बंगनापल्ली, भागलपुर का जरदालु, कर्नाटक के शिमोगा का अप्पीमिडी, मालदा (बंगाल) का हिमसागर, लक्ष्मण भोग और फजली को यह गौरव मिल चुका है। अब कोशिश है कि यूपी के गौरजीत, बनारसी लंगड़ा और चौसा को भी यह मान्यता मिले।
GI टैग क्या है?
- जीआई टैग या भौगोलिक संकेत(Geographical Indication) किसी भी उत्पाद के लिए एक प्रतीक चिन्ह के समान होता है।
- यह उत्पाद की विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति, विशेष गुणवत्ता और पहचान के आधार पर दिया जाता है।
- जीआई टैग उस उत्पाद की गुणवत्ता और उसकी विशेषता को दर्शाता है।
- किसी उत्पाद के जीआई टैग के लिए आवश्यक है कि “उत्पाद का उत्पादन या प्रोसेसिंग उसी क्षेत्र में होना चाहिए जहाँ के लिए जीआई टैग लिया जा रहा है।”
- भारत में जीआई टैग को किसी विशेष फसल, प्राकृतिक और निर्मित उत्पादों को प्रदान किए जाते हैं।
- कई बार जीआई टैग को एक से अधिक राज्यों में पाई जाने वाली फसलों या उत्पादों को प्रदान की जाती है। उदाहरण के लिए- बासमती चावल( पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड)
- भारत में सबसे पहले दार्जिलिंग की चाय को 2004 में जीआई टैग प्राप्त हुआ था।
- भारत के कुछ महत्वपूर्ण उत्पाद जिन्हें जीआई टैग प्राप्त है- महाबलेश्वर-स्ट्रॉबेरी, जयपुर - ब्लू पोटरी, बनारसी साड़ी, तिरुपति के लड्डू, मध्य प्रदेश के झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गा, कांगड़ा की पेंटिंग, नागपुर का संतरा, कश्मीर की पाश्मीना, हिमाचल का काला जीरा, छत्तीसगढ़ का जीराफूल और ओडिशा की कंधमाल हल्दी इत्यादि।
GI टैग का विनियमन
- औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण हेतु जीआई टैग को पेरिस कन्वेंशन के अंतर्गत बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के रूप में शामिल किया गया था।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीआई टैग का विनियमन विश्व व्यापार संगठन( डब्ल्यूटीओ) के द्वारा किया जाता है।
- भारत में जीआई टैग का विनियमन वस्तुओं के भौगोलिक सूचक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम 1999 के अंतर्गत किया जाता है।
- वस्तुओं के भौगोलिक सूचक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 15 सितंबर, 2003 से लागू हुआ था।
- जीआई टैग का अधिकार हासिल करने के लिए चेन्नई स्थित जी आई डेटाबेस में अप्लाई करना पड़ता है।
- एक बार जीआई टैग का अधिकार मिल जाने के बाद 10 वर्षों तक जीआई टैग मान्य होते हैं। इसके उपरांत उन्हें फिर रिन्यू कराना पड़ता है।
जीआई टैग से लाभ
- जीआई टैग किसी क्षेत्र में पाए जाने वाले उत्पादन को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है।
- जीआई टैग के द्वारा उत्पादों के अनधिकृत प्रयोग पर अंकुश लगाया जा सकता है।
- यह किसी भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित होने वाली वस्तुओं का महत्व बढ़ा देता है।
- जीआई टैग के द्वारा सदियों से चली आ रही परंपरागत ज्ञान को संरक्षित एवं संवर्धन किया जा सकता है।
- जीआई टैग के द्वारा स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में मदद मिलती है।
- इसके द्वारा टूरिज्म और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
प्रवासी मजदूरों के लिये रोजगार मंच तैयार करने के लिये नीति आयोग की समिति
- नीति आयोग ने प्रवासी श्रमिकों के वास्ते रोजगार के बारे में उनकी भाषा में जानकारी उपलब्ध कराने को लेकर गूगल, माइक्रोसाफ्ट और टेक महिंद्रा जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों की एक समिति बनायी है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों को ‘लॉकडाउन’ के दौरान अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है।
- इसका मकसद एक ऐसा मंच तैयार करना है जहां कामगार अपनी भाषा में और अपने स्थान के आसपास रोजगार के अवसर तलाश सके।यह मंच रोजगार तलाश्ने वालों, नियोक्ताओं, सरकारी एजेंसियों, कौशल केंद्रों और उन भागीदारों को जोड़ेगा जो कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निग जैसी नई प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि
- लॉकडाउन के कारण लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। इसके कारण उन्हें अपने घरों को लौटना पड़ा। समिति प्रवासी मजदूरों से जुड़े मसले के समाधान के लिये प्रौद्योगिकी आधारित उपायों पर गौर करेगी। अनुमानों के अनुसार देश में असंगठित क्षेत्र में करीब 40 करोड़ कामगार हैं। यह क्षेत्र देश के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में करीब 30 प्रतिशत का योगदान करता है। करीब 60 प्रतिशत प्रवासी मजदूर या तो अकुशल हैं या फिर हुनर है भी तो पूरा नहीं है।
समिति के बारे में
- नीति आयोग ने सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी के साथ प्रौद्योगकी के उपयोग तथा विकास के जरिये प्रवासी मजदूरों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिये अपने सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित की है।
- समिति में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष किरण थॉमस, माइक्रोसाफ्ट इंडिया के अध्यक्ष अनंत महेश्वरी, टेक महिंद्रा के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सी पी गुरूनानी, गूगल इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक तथा उपाध्यक्ष संजय गुप्ता, भारती एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्ल समेत अन्य शामिल हैं।
प्रस्तावित प्लेटफार्म की विशेषता
- "प्लेटफार्म कामगारों को रोजगार तलाशने, जरूरी हुनर हासिल करने, अपनी भाषा में प्रशिक्षण लेने के लिये प्रशिक्षण केंद्र की जानकारी प्राप्त करने में मदद कर डिजिटल दूरी को खत्म करेगा। यह नियोक्ताओं को भी स्थान विशेष और विभिन्न श्रेणी के कामगारों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।"
- यह मंच विभिन्न भाषाओं में होगा और इस तक परंपरागत यानी फीचर फोन के जरिये भी पहुंचा जा सकेगा।
- सरकार प्रवासी मजदूरों के लिये देश भर के लिये एक हेल्पलाइन नंबर भी शुरू करने पर काम कर रही है। इस नंबर के जरिये वह अपनी शिकायतें रख सकते हैं।
:: अर्थव्यवस्था ::
अटल नवाचार मिशन
चर्चा में क्यों?
- कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल)ने अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम),नीति आयोग के साथ देश भर में इसके प्रमुख नवाचार और उद्यमिता पहलों का सक्रिय रुप से मदद करने के लिए मिशन के साथ साझेदारी करने पर सहमति जताई है। अटल इनोवेशन मिशन और कोल इंडिया लिमिटेड के बीच एक रणनीतिक साझेदारी के आशय-पत्र (एसओआई)पर शुक्रवार, 19 जून, 2020 को आयोजित एक वर्चुअल ई-सम्मेलन में हस्ताक्षर किए गए और आशय-पत्रों का आदान-प्रदान किया गया।
- कोल इंडिया लिमिटेड और अटल नवाचार मिशन के बीच हुए इस सहयोग समझौते का मकसद मिशन (एआईएम) के उपरोक्त कार्यक्रमों और नई पहलों के माध्यम से नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने और उसेबढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियों / कार्यक्रमों का संचालन करना है।
क्या है अटल इनोवेशन मिशन?
- अटल नवाचार मिशन का लक्ष्य देशभर के स्कूलों, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों और उद्योगों में नवाचार और उद्यमिता का एक वातावरण तैयार करना और उसे बढ़ावा देना है। वर्ष 2015 के बजट भाषण में वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार, इस मिशन को नीति आयोग के तहत स्थापित किया गया है।
- हजारों स्कूलों में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किये जा रहे हैं। विश्वविद्यालयों और उद्योगों के लिये विश्वस्तरीय अटल इंक्यूबेशन केंद्र (एआईसी) और अटल कम्युनिटी इनोवेशन केंद्र (एसीआईसी) स्थापित किये जा रहे हैं।
- अटल न्यू इंडिया चैलेंज (एएनआईसी) के माध्यम से राष्ट्रीय प्रासंगिकता और सामाजिक महत्व के क्षेत्रों में उत्पाद विकास बढ़ावा देना।
मिशन के प्रभाव
- मिशन के तहत अनेक सशक्त और अग्रगामी कदम उठाय़े गये हैं, जैसे अटल टिंकरिंग लैब और अटल इंक्यूबेशन केंद्र। इन पर काफी जोर दिया गया है।
- अटल नवाचार मिशन की मदद और तकनीकी सहायता से भारत सरकार के कई मंत्रालयों/विभागों ने नवाचार से जुड़ी गतिविधियां शुरू की हैं।
- अटल टिंकरिंग लैब कार्यक्रम के तहत, 2020 तक 10,000 से अधिक स्कूलों में इन लैबों की स्थापना होने की संभावना है।
- देशभर में 100 से अधिक अटल इंक्यूबेशन केंद्र स्थापित होने की संभावना हैं, जिससे पहले के 5 वर्षों में कम से कम प्रत्येक 50-60 स्टार्टअपों को सहायता मिलेगी।
- 100 से अधिक इन्नोवेटरों/स्टार्टअपों को अपने नवाचारों को उत्पाद का रूप देने में कुछ सहायता मिलने की संभावना है।
- मंत्रालयों के माध्यम से समर्थित अन्य कार्यक्रमों से और भी अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
- प्रत्येक इंक्यूबेटर से प्रत्येक 4 वर्ष में प्रोद्योगिकी चालित 50-60 नवाचार स्टार्टअपों का पोषण होने की आशा है।
- इस प्रकार 100 से अधिक इंक्यूबेटरों की स्थापना से 5,000-6,000 नवाचार स्टार्टअपों का पोषण हो सकेगा और नये इंक्यूबेटरों की स्थापना से इसकी संख्या में और अधिक वृद्धि होगी।
- इन नवाचार चालित स्टार्टअपों से रोजगार की अत्यधिक संभावना है
सीमित दायित्व भागीदारी (LLP) अधिनियम
चर्चा में क्यों?
- सरकार ने कारोबार सुगमता को और बढ़ाने के ध्येय से सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को गैर-आपराधिक करने की योजना बनायी है। अभी एलएलपी अधिनियम के तहत 1.45 लाख से अधिक एलएलपी पंजीकृत हैं और उनमें से अधिकांश छोटे व मध्यम उद्यम हैं।
- कॉरपोरेट मामलों ने कहा है कि,अधिनियम के प्रावधानों को पहचानने और उन्हें गैर- आपराधिक करने की कवायद का उद्देश्य अनुपालन को प्रोत्साहित करना, आपराधिक न्याय प्रणाली में भीड़ कम करना और नये व्यवसायों को बढ़ावा देना है। मंत्रालय ने चार जुलाई तक प्रस्तावित बदलावों पर हितधारकों से टिप्पणियां मांगी हैं।
सीमित दायित्व भागीदारी (LLP) अधिनियम के बारे में
- सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) अधिनियम को भारतीय संसद ने 2008 में पारित किया था, जिसे 7 जनवरी, 2009 को राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद अधिनियमित किया गया।
- एलएलपी एक अलग कानूनी और सीमित देयता वाली कंपनी के रूप में आसानी से साझेदारी चलाने के लाभ के दृष्टिकोण वाली गठबंधन इकाई है। इसलिए एलएलपी में कॉरपोरेट संरचना के साथ भागीदारी व्यवसाय संरचना दोनों ही तत्व होते हैं, जो कंपनी या एक साझेदारी के बीच मिश्रित होते हैं।
- एलएलपी एक अलग कानूनी और सीमित देयता वाली कंपनी के रूप में आसानी से साझेदारी चलाने के लाभ के दृष्टिकोण वाली गठबंधन इकाई है। इसलिए एलएलपी में कॉरपोरेट संरचना; के साथ भागीदारी व्यवसाय संरचना दोनों ही तत्व होते हैं, जो कंपनी या एक साझेदारी के बीच मिश्रित होते हैं।
LLP की विशेषताएँ
- एलएलपी की मुख्य विशेषता यह है कि यह एक पृथक कानूनी इकाई होती है, जो अपनी परिसंपत्तियों की पूरी सीमा तक देयता रखती है और भागीदारों की देयता उनके योगदान की सहमति तक सीमित होती है। किसी भागीदार पर अन्य भागीदारों की स्वतंत्र या अनधिकृत गतिविधियों या दुराचार की देयता नहीं होगी, इस प्रकार व्यक्तिगत तौर पर भागीदार संयुक्त देयता से परिरक्षित हैं, जबकि एलएलपी में भागीदारों के आपसी अधिकार और कर्तव्य का नियंत्रण भागीदारों के बीच किए गए करार या एलएलपी तथा भागीदारों के बीच किए गए करार द्वारा नियंत्रित होगा।
- एलएलपी पेशेवर/तकनीकी विशेषज्ञता को जागृत और अभिनव व कुशल तरीके से वित्तीय जोखिम उठाने की क्षमता को जोड़ने की पहल करती है।
LLP की आवश्यकताएं
- एलएलपी के गठन के लिए सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता यह है कि इसके लिए न्यूनतम दो भागीदारों की जरूरत होती है, हालांकि भागीदारों की अधिकतम संख्या की कोई सीमा नहीं है। इसके अतिरिक्त एक कॉरपोरेट संस्था एलएलपी में भागीदार हो सकती है।
- आपसी अधिकार और कर्तव्य के मामले में एलएलपी और इसके सभी भागीदार समझौते से नियंत्रित होते हैं, यह समझौता भागीदारों के बीच या एलएलपी और भागीदारों के बीच होता है, जिसे एलएलपी समझौता के रूप में जाना जाता है। किसी भी मामले में समझौते के अभाव में आपसी अधिकारों और देयताओं को एलएलपी अधिनियम की अनुसूची-I के अधीन प्रदान किया जाएगा।
BSE स्टॉक एक्सचेंज
चर्चा में क्यों?
- प्रमुख शेयर बाजार बीएसई अपने मंच पर सभी सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण के लिहाज से दुनिया के 10 बड़े एक्सचेंज में शामिल है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज के ताजा आकड़े से यह पता चला है।
वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज के ताजा आकड़े एक नजर में
- बीएसई (पूर्व में बंबई शेयर बाजार) 1,700 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण (एम कैप) के साथ शीर्ष 10 शेयर बाजारों में 10वें स्थान पर है। सूची में न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज 19,300 अरब डॉलर के बाजार मूल्यांकन के साथ पहले स्थान पर है। वहीं नैसडैक 13,800 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ दूसरे स्थान पर है।
- वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज के अनुसार तोक्यो स्टॉक एक्सचेंज सूची में 5,700 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ तीसरे, जबकि शंघाई स्टॉक एक्सचेंज 4,900 अरब डॉलर के एम कैप के साथ चौथे पायदान पर है।
- वहीं हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज पांचवें (4,400 अरब डॉलर एमकैप), यूरो नेक्स्ट 3,900 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ छठे, शेनझेन 3,500 डॉलर के एमकैप के साथ सातवें और लंदन स्टॉक एक्कसचेंज 3,200 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ आठवें स्थान पर है।
- टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज 2,100 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ नौवें स्थान पर है।
BSE स्टॉक एक्सचेंज क्या है?
- बीएसई भारत ही नही बल्कि एशिया का सबसे प्राचीन स्टॉक एक्सचेंज है। BSE स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1875 में हुई थी। इसकी शुरुआत स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन के द्वारा की गयी थी। BSE को BSE स्टॉक एक्सचेंज सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन 1956 के तहत इसे देश के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में स्थाई मान्यता दे दी गयी। यह भारत का प्रथम और एशिया का सबसे पूराना स्टॉक एक्सचेंज है। भारत का पहला सूचीबद्ध शेयर बाजार देश के प्रमुख शेयर बाजारों में से एक है। इससे 5 करोड़ से अधिक पंजीकृत निवेशक जुड़े हैं। इसके मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स पर शेयर बाजार सूचकांक में प्रमुखता से नजर रखी जाती है।
:: विज्ञान और प्रौद्योगिकी ::
अग्नि-वलयाकार सूर्यग्रहण
- एक दुर्लभ खगोलीय घटना के रुप में रविवार 21 june को वलयाकार सूर्य ग्रहण, जिसे लोकप्रिय रूप से रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है, लगने जा रहा है। इस वर्ष का यह पहला सूर्य ग्रहण है जो ग्रीष्म संक्रांति पर लग रहा है, और यह उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन भी है। अनूपगढ़, सूरतगढ़, सिरसा, जाखल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, देहरादून, तपोवन और जोशीमठ से गुजरने वाले मार्ग पर रहने वाले लोग इस वलयाकार ग्रहण को देख पाएंगे, शेष भारत में लोग आंशिक ग्रहण देख सकते हैं।
क्या होता है सूर्यग्रहण
- जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है, तो पृथ्वी की सतह पर छाया पड़ती है। चंद्रमा द्वारा सूर्य को थोड़े समय के लिए पूरी तरह से ढक लिया जाता है। जो स्थान चंद्रमा की पूर्ण छाया से ढक जाते हैं, वहां पूर्ण सूर्य ग्रहण का दिखाई देता हैं। चंद्रमा की छाया से पूरी तरह से न ढकने वाले क्षेत्रों में आंशिक ग्रहण दिखाई देता है। सभी सूर्यग्रहणों में, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी पूरी तरह से संरेखित नहीं होते हैं, ऐसे में हम केवल आंशिक ग्रहण के दर्शन करते हैं। जब तीन खगोलीय पिंड एक सीधी रेखा में होते हैं, तो हम पूर्ण सूर्य ग्रहण का अवलोकन करते हैं।
क्या होता है अग्नि-वलयाकार सूर्यग्रहण
- इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे के समीर धुरडे के मुताबिक वलयाकार सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण का एक विशेष मामला है। पूर्ण सूर्य ग्रहण में चंद्रमा और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते है। हालांकि, इस दिन, चंद्रमा का स्पष्ट आकार सूर्य से छोटा होता है। इसलिए चंद्रमा, सूर्य के मध्य भाग को ढकता है, और सूर्य का वलय एक बहुत ही संक्षिप्त क्षण के लिए आकाश में 'रिंग ऑफ फायर' की तरह दिखाई देता है।
- ग्रहण के समय पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी ग्रहण के प्रकार को निर्धारित कर सकती है। चंद्रमा के अंडे के आकार की अण्डाकार कक्षा के कारण पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी हमेशा बदलती रहती है। इसका अर्थ यह है कि एक ऐसा समय जहां यह पृथ्वी के सर्वाधिक करीब होता है तो आकाश में थोड़ा बड़ा दिखाई देता है और कई बार जब यह दूर होता है तो आकाश में कुछ छोटा दिखाई देता है। संयोग से, 21 जून, 2020 को होने वाले ग्रहण के दौरान, चंद्रमा का स्पष्ट आकार सूर्य की तुलना में 1 प्रतिशत छोटा है।
- सूर्य ग्रहण की शुरुआत में, सूर्य का एक कटे हुए सेब की तरह से विशिष्ट दृश्यावलोकन होता है। इसमें सूर्य का एक छोटा सा हिस्सा चंद्रमा की छाया से ढका हुआ होता है। इसके बाद, चंद्रमा की छाया धीरे-धीरे और लगातार सूर्य के और बड़े हिस्से को ढकती जाती है। एक निश्चित समय पर, जिस वक्त चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर वलयाकार सूर्य ग्रहण के दौरान पड़ती है, लोग चन्द्रमा की छाया को सूर्य पर पड़ते हुए और मध्य भाग को ढकते हुए देख सकते हैं। चूँकि चंद्रमा पूरे सूर्य को ढकने में सक्षम नहीं है, इसलिए चंद्रमा के चारों ओर सूर्य के प्रकाश का एक चमकीला वलय दिखाई देगा। इसीलिए, इस प्रकार के ग्रहण को उपनाम के तौर पर "रिंग ऑफ फायर" का नाम दिया गया है।
कोरेाना वायरस की दवा फैबिफ्लू ब्रांड
- ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कोविड-19 से मामूली और मध्यम रूप से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिरविर को फैबिफ्लू ब्रांड नाम से पेश किया है। मुंबई की कंपनी ने कहा था कि उसे भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआइ) से इस दवा के विनिर्माण और विपणन की अनुमति मिल गई है। कंपनी ने कहा कि फैबिफ्लू कोविड-19 के इलाज के लिए पहली खाने वाली फेविपिरविर दवा है, जिसे मंजूरी मिली है। यह दवा लगभग 103 रुपये प्रति टैबलेट की दर से बाजार में उपलब्ध होगी।
- फैबिफ्लू कोविड-19 के उपचार के लिए भारत में पहली मौखिक फेविपिरविर अनुमोदित दवा है। इसकी सिफारिश पहले दिन में 1,800 मिलीग्राम दो बार और उसके बाद रोजाना 14 दिनों तक 800 मिलीग्राम दो बार की गई है। टैबलेट का उत्पादन कंपनी द्वारा हिमाचल प्रदेश के बद्दी में किया जा रहा है। ग्लेनमार्क ने कहा कि यह दवा अस्पतालों और खुदरा चैनल दोनों माध्यम से उपलब्ध होगी। ग्लेनमार्क ने कहा कि कंपनी ने अपने इन- हाउस रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम के माध्यम से फैबिफ्लू के लिए सक्रिय फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट (एपीआइ) और फॉर्म्युलेशन को सफलतापूर्वक विकसित किया है।
:: पर्यावरण और पारिस्थितिकी ::
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
चर्चा में क्यों?
- राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियमों के उल्लंघन को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ की गई दंडात्मक कार्रवाइयों से उसे अवगत कराए।
- एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में पर्यावरण संरक्षण कानून, 1986 और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियमों के प्रावधानों के अनुरुप क्या दंडात्मक कदम उठाए गए हैं, इसका जिक्र नहीं है।
पृष्ठभूमि
- गौरतलब है कि अधिवक्ता मीनेष दुबे के माध्यम से 16 वर्षीय एक किशोर ने अधिकरण में अर्जी देकर अनुरोध किया था कि वह ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट को सामान की पैकिंग में भारी मात्रा में प्लास्टिक का उपयोग करने से मना करे। एनजीटी ने इसी पर सुनवाई करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के बारे में
- केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), एक सांविधिक संगठन है। इसका गठन जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अधीन सितंबर, 1974 में किया गया था। इसके अलावा, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम,1981 के अधीन भी शक्तियां और कार्य सौंपे गए।
- यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एक फील्ड संघटन का काम करता है तथा मंत्रालय को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के उपबंधों के बारे में तकनीकी सेवाएं भी प्रदान करता है। जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण, निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम,1981 में निर्धारित किए गए अनुसार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख कार्य हैं, (i) जल प्रदूषण के निवारण, नियंत्रण तथा न्यूनीकरण द्वारा राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में नदियों और कुओं की स्वच्छता को बढ़ावा देना, और (ii) देश की वायु गुणवत्ता में सुधार करना तथा वायु प्रदूषण का निवारण, नियंत्रण और न्यूनीकरण करना।
लेमरू एलीफेंट प्रोजेक्ट
चर्चा में क्यों?
- छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में दस दिन में छह हाथियों की मौत से जहां वन्यप्रेमी स्तब्ध हैं, वहीं केंद्र सरकार ने लेमरू एलीफेंट प्रोजेक्ट क्षेत्र के चार कोल ब्लॉक को नीलामी के लिए प्रस्तावित कर हाथियों पर और संकट पैदा कर दिया है। केंद्र सरकार ने जो 41 कोल ब्लॉक की सूची नीलामी के लिए जारी कर दी। इनमें मोरगा- टू, मोरगा- साउथ, मदनपुर- नार्थ व श्यांग प्रस्तावित है।श्यांग ब्लॉक पूरी तरह एलीफेंट प्रोजेक्ट एरिया में आ रहा है। अन्य तीन ब्लॉक भी प्रोजेक्ट के इर्द- गिर्द हैं।
लेमरू एलीफेंट प्रोजेक्ट के बारे में
- करीब 13 साल पहले 2007 में हाथियों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने लेमरू एलीफेंट प्रोजेक्ट तैयार किया था। तब 450 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र इसके लिए चिह्नित किया गया था। इस बीच तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस क्षेत्र में कोल ब्लॉक का आवंटन कर दिया और अभयारण्य की तैयारी पर विराम लग गया। वर्ष 2014-15 में सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाला के चलते सभी ब्लॉक निरस्त कर दिए थे। तब एक बार फिर एलीफेंट प्रोजेक्ट के विकसित होने की उम्मीद जगी थी।
- राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही वर्ष 2019 के बजट में इस प्रोजेक्ट को न केवल शामिल किया गया, बल्कि क्षेत्रफल बढ़ाकर 1995.48 वर्ग किलोमीटर कर दिया। इस पर अभी सर्वे का काम चल ही रहा कि एक बार फिर व्यावसायिक उत्खनन की गाज गिर गई है। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में हाथी प्रवास करते हैं। अगर हाथियों को उनके इलाके से एक बार फिर बेदखल किया जाता है तो हाथी-मानव द्वंद्व बढ़ना तय है। गौरतलब है कि ओडिशा में हाथियों के इलाके में खदानें शुरू होने से वे छत्तीसगढ़ व झारखंड की ओर पलायन को मजबूर हुए थे।
:: विविध ::
विश्व शरणार्थी दिवस-World Refugee Day:20 June
- प्रतिवर्ष 20 जून को संयुक्त राष्ट्र ‘विश्व शरणार्थी दिवस-World Refugee Day’ दुनिया भर के शरणार्थियों के दुखों और तकलीफों के संदर्भ में जागरूकता फैलाने के लिए एक महत्वपूर्ण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य शरणार्थियों की शक्ति, हिम्मत और दृढ़ निश्चय को स्वीकृति प्रदान करना है। इस वर्ष शरणार्थी दिवस की थीम "every action counts." है।
डॉ. सेतुरमन पंचनाथन
- अमेरिकी सीनेट ने भारतीय मूल के मशहूर अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. सेतुरमन पंचनाथन की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के गैर चिकित्सा क्षेत्र में मौलिक अनुसंधान को सहयोग पहुंचाने वाले शीर्ष अमेरिकी संगठन राष्ट्रीय विज्ञान न्यास (एनएसएफ) के निदेशक के रूप में नियुक्ति पर मुहर लगायी है। एनएसएफ शीर्ष अमेरिकी विज्ञान वित्तपोषण निकाय है जिसका वार्षिक बजट 7.4 अरब डालर बजट है।
जोएन एस. बास बनीं
- चीफ मास्टर सार्जेंट जोएन एस. बास को वायु सेना का 19वां चीफ मास्टर सार्जेंट चुना गया है और इसी के साथ वह किसी अमेरिकी सैन्य सेवा में शीर्ष ‘एन्लिस्टिड लीडर’ चुनी जाने वाली पहली महिला बन गई हैं।
:: प्रिलिम्स बूस्टर ::
- प्रतिवर्ष किस तिथि को विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है एवं वर्ष 2020 की इस दिवस की थीम क्या है? (20 जून, "every action counts.")
- हाल ही में 6 हाथियों के मौत एवं इस क्षेत्र में स्थित चार कोल ब्लॉकों की नीलामी से चर्चा में रहे लेमरू एलीफेंट प्रोजेक्ट किस राज्य से संबंधित है? (छत्तीसगढ़-सरगुजा संभाग)
- आगामी दुर्लभ खगोलीय घटना से चर्चा में रहे ‘सूर्य ग्रहण’ कब होता है एवं वलयाकार सूर्यग्रहण को किस लोकप्रिय नाम से जाना जाता है? (चंद्रमा के सूर्य और पृथ्वी के बीच में आने से, रिंग ऑफ फायर)
- हाल ही में संस्कृति मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020 को किस अभियान के तहत आयोजन करने की घोषणा की है? (नमस्ते योग अभियान)
- भारत सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार हेतु 50,000 करोड़ रुपये लागत की किस योजना को एवं कहां से शुरू किया गया? (गरीब कल्याण रोजगार अभियान, खगड़िया बिहार)
- भारतीय औषधि महानियंत्रक द्वारा मामूली और मध्यम रूप से पीड़ित कोविड-19 के मरीजों को किस दवा के वाणिज्यिक बिक्री की अनुमति दी है? (एंटीवायरल दवा फेविपिरविर, फैबिफ्लू ब्रांड से विपणन)
- पीपीपी भागीदारी के तहत प्रौद्योगिकी की द्वारा प्रवासी श्रमिकों को स्थानीय भाषा में रोजगार की जानकारी हेतु गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति के सदस्य कौन है? (अमिताभ कांत- CEO नीति आयोग)
- वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार क्रमशः विश्व एवं भारत के स्तर पर कौन सा शेयर बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में प्रथम स्थान पर है? (न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज- प्रथम, BSE-10 वा स्थान)
- सरकार द्वारा कारोबारी सुगमता को बढ़ाने की योजना से चर्चा में रहे सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) न्यूनतम एवं अधिकतम कितने भागीदार होते हैं? (न्यूनतम दो, अधिकतम कोई सीमा नहीं)
- हाल ही में किस भारतीय मूल के व्यक्ति को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अनुसंधान की शीर्ष अमेरिकी संस्था राष्ट्रीय विज्ञान न्यास (एनएसएफ) के निदेशक के रूप में नियुक्ति की गई है? (डॉ. सेतुरमन पंचनाथन)
- अमेरिका के चीफ मास्टर सार्जेंट के रूप में नियुक्ति पाकर अमेरिकी सैन्य सेवा में शीर्ष ‘एन्लिस्टिड लीडर’ चुनी जाने वाली प्रथम महिला की उपलब्धि किसने हासिल की है? (चीफ मास्टर सार्जेंट जोएन एस. बास)
- एनजीटी द्वारा ई-कॉमर्स कंपनियों पर कार्रवाई से चर्चा में रहे केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थापना कब एवं किस अधिनियम के तहत की गई थी? (1974, जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम-1974)
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