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A licence raj for digital content creators

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The Hindu Editorials 1. A licence raj for digital content creators  Could Dhruv Rathee and Ravish Kumar’s YouTube videos have influenced voter preferences in the 2024 general election? This question concerns a Union government that asserted that it would return to power with an increased majority but was voted back as a coalition with a diminished mandate. Recognising a threat to its power, it aims to neuter digital creators under the Broadcasting Regulation Bill, 2024. Read More  2. Option or stratagem?  Read More  3. Impatience with jobs  Read More  4. Duality — understanding Indian voter behaviour Read More  Read More 

खेती में मुनाफे की नई पहल (जनसत्ता:- अखिलेश आर्येन्दु द्वारा प्रकाशित लेख)

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प्रिय विद्यार्थियों यह लेख UPSC Csat, UPPSC Csat गद्यांश के लिए उपयोगी साबित होगा। खेती में मुनाफे की नई पहल दुनिया में वैज्ञानिक तथा तकनीक पद्धति से खेती करना समझदारी और लाभ कर समझा जाता है इसी के जरिए केंद्र सरकार की नई पहल होगी, जिसमें किसानों को कृषि तकनीकों और वैज्ञानिक विधियों से परिचित कराना और उन्हें अधिक मुनाफा दिलाना है । जनसत्ता:- अखिलेश आर्येन्दु द्वारा प्रकाशित लेख  एक बार फिर केंद्र सरकार किसने की माली हालत सुधारने की पहल करती दिख रही है सरकारी तौर पर कहा जा सकता है कि किसानों को किसी के जरिए ही अब उद्यमी बनाया जाएगा, इससे किसानों की माली हालत में सुधार होगा । आम तौर पर भारतीय खेती को परंपरा से की जाने वाली देसी खेती माना जाता है । मगर यह महाज्य मानता है, क्योंकि देसी खेती में रसायन, रासायनिक उर्वरकों और विदेशी बीच का इस्तेमाल नहीं होता है । नई तकनीक तथा वैज्ञानिक ढंग से की जाने वाली खेती में रसायनों और महंगे उर्वरकों का इस्तेमाल उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है । केंद्र सरकार की नई पहल आधुनिक खेती के जरिए किसानों को उद्यमी बनने की है । दुनिया में वैज्ञा...

वन्य जीवन पर गहराता संकट (जनसत्ता : रोहित कौशिक द्वारा प्रकाशित लेख)

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  वन्य जीवन पर गहराता  संकट  वन्य जीवन पर गहराता संघट पर्यावरण के साथ-साथ भाषा और संस्कृति को भी नष्ट कर रहा है । कुछ वर्ष पहले हुए एक अध्ययन में दावा किया गया था कि जैव विविधता की हानि दुनिया में भाषाओं और संस्कृतियों के नष्ट होने के लिए जिम्मेदार है। जनसत्ता : रोहित कौशिक द्वारा प्रकाशित लेख वन्य जीवों पर होने वाले कुर्ता से जाहिर है कि हम इस प्रगतिशील दौर में सिर्फ सभ्यता का मुख होता लगाए हुए हैं । यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज वन जीवो पर विभिन्न तौर तरीकों से संकट के बादल मंडरा रहे हैं । भारत समेत संपूर्ण विश्व में वन जीवों की संख्या तेजी से घट रही है । इससे हमारे पर्यावरण के लिए नित्य नई समस्याएं पैदा हो रही है ।  अपने स्वार्थ के चलते मनुष्य द्वारा किए गए प्राकृतिक दोहन का नतीजा यह हुआ कि बीते 40 वर्षों में पशु पक्षियों की संख्या घटकर एक तिहाई रह गई है । दरअसल समृद्ध वन्य जीवन पर्यावरण को पोशाक्त तो प्रदान करता ही है,  हमारे जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है । विडंबना है कि वन्य जीवों के संकट को देखते हुए हम अपनी जीवन शैली को बदलने के लिए तैयार नहीं है ।...

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